इस माह कुछ ज्यादा ही नवजात के दाई/खवासन/नाउन द्वारा की गयी मसाज के मामले सामने आये जैसे पीठ में रगड़ने से फोड़ा, लिंग की चमड़ी फस जाना, हाथ का फ्रैक्चर आदि आदि। कुछ महत्पूर्ण तथ्य
1. डॉक्टरी सलाह है की नवजात बच्चे की मसाज माँ द्वारा नरमी से ही की जानी चाहिए।
2. हार्ड मसाज करने से बच्चा मजबूत नहीं होता बल्कि उसको कई प्रकार के नुक्सान हो सकते हैं। नीचे की पिक्चर बयां कर रही हैं।
3. मसाज के समय अगर बच्चा एन्जॉय नहीं कर रहा और अत्यधिक रोता है मतलब उसकी ज्यादा कठोर मसाज हो रही है। वो सही नहीं है।
4. मसाज करते वक़्त नवजात की स्किन ज्यादा लाल नहीं होनी चाहिए और पर्याप्त तेल का प्रयोग करना चाहिए।
5. मसाज करते वक़्त हाथ और पैर को क्रॉस करना या खीचना फ्रैक्चर या जॉइंट डिस्लोकेशन कर देता है।
6. अगर दिन में दो बार मसाज की जाये तो दोनों बार बच्चे को साबुन और गरम सहनीय पानी से नहला चाहिए जिससे की स्किन के पोर्स खुले रहें और स्किन इन्फेक्शन न हो।
धीरे धीरे जैसे दाई का डिलीवरी में रोल खत्म हो गया और मातृत्व सुरक्षित हो गया उसी तरह दाई का मसाज में भी रोल ख़त्म करना चाहिए।
सतर्क रहें। माँ या पिता ही नवजात की मसाज करें। लगाव भी बढ़ेगा और सुरक्षित भी रहेगा।
प्रो डॉ विकेश अग्रवाल
पीडियाट्रिक सर्जन
1. डॉक्टरी सलाह है की नवजात बच्चे की मसाज माँ द्वारा नरमी से ही की जानी चाहिए।
2. हार्ड मसाज करने से बच्चा मजबूत नहीं होता बल्कि उसको कई प्रकार के नुक्सान हो सकते हैं। नीचे की पिक्चर बयां कर रही हैं।
3. मसाज के समय अगर बच्चा एन्जॉय नहीं कर रहा और अत्यधिक रोता है मतलब उसकी ज्यादा कठोर मसाज हो रही है। वो सही नहीं है।
4. मसाज करते वक़्त नवजात की स्किन ज्यादा लाल नहीं होनी चाहिए और पर्याप्त तेल का प्रयोग करना चाहिए।
5. मसाज करते वक़्त हाथ और पैर को क्रॉस करना या खीचना फ्रैक्चर या जॉइंट डिस्लोकेशन कर देता है।
6. अगर दिन में दो बार मसाज की जाये तो दोनों बार बच्चे को साबुन और गरम सहनीय पानी से नहला चाहिए जिससे की स्किन के पोर्स खुले रहें और स्किन इन्फेक्शन न हो।
धीरे धीरे जैसे दाई का डिलीवरी में रोल खत्म हो गया और मातृत्व सुरक्षित हो गया उसी तरह दाई का मसाज में भी रोल ख़त्म करना चाहिए।
सतर्क रहें। माँ या पिता ही नवजात की मसाज करें। लगाव भी बढ़ेगा और सुरक्षित भी रहेगा।
प्रो डॉ विकेश अग्रवाल
पीडियाट्रिक सर्जन